शायरी लिखना उन्होंने शुरू किया, हमें तो कविताओं का शौक था, कलाकार वो खुद
को कहते थे, हमे तो उनकी कलाओं का शौक था।
जो लिखते है वो कवि बनते हैं, आप जो सोचते है वही बनते हैं।
यह बात मायने नहीं रखती की आप कितना धीमे चल रहे हैं, जब तक की आप रुकें
नहीं।
मुझे पागल से लगते हो तुम, मेरे प्यार के इकलौते हकदार हो तुम।
Whatsapp Shayari
आप जिंदगी में जितने अच्छे बनोगे उतने ही घटिया लोग
मिलेंगे।
चाह कर भी तेरा हो रहा था मैं, तुझे भूल कर उसका हो रहा था
मैं।
मेहनत का ऐसा रंग चढ़ा अपने ऊपर की, लाख मुसीबतो में भी फीका ना
हो।
परख न सकोगे ऐसी शख़्सियत है मेरी, मैं उन्ही के लिए हूँ जो जाने
क़दर मेरी।
दर्द दिलो के कम हो जाते, मैं और तुम अगर हम हो
जाते।
प्यार मोहब्बत तो हर कोई कर लेता है लेकिन इन्तज़ार , सब्र और
वफ़ा हर किसी के बस की बात नहीं।
Whatsapp Shayari In Hindi
दम तोड़ देती है माँ बाप की ममता जब बच्चे कहते है की तुमने किया
ही क्या है हमारे लिए।
आवाज़ लगाओगे जब तुम तो सब तेरा हो जाएगा, शमा तुझे पुकारेगा
और तू मेरा हो जाएगा।
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ, जिनकी हमें छूने की
औकात नहीं होती।
मन की दुर्बलता से अधिक भयंकर और कोई पाप नहीं है।
एक बात हमेशा याद रखना दोस्तों ढूंढने पर वही मिलेंगे जो खो गए
थे वो कभी नहीं मिलेंगे जो बदल गए है।
मुझको छोड़ने की वजह तो बता जाते, तुम मुझसे बेज़ार थे या हम
जैसे हज़ार थे।
औरो के जोर पर अगर उड़कर दिखाओगे तो अपने पैरों से उड़ने का
हुनर भूल जाओगे।
मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना, पहले भी कई तूफानों का
रुख मोड़ चुका हूँ।
व्हाट्सएप शायरी
चले कितनी भी आंधियाँ इस जमाने मे ऐ दोस्तों, अब मुझे उम्र भर आराम
नहीं करना।
मैं खुद भी सोचता हूँ, ये क्या मेरा हाल है। जिसका जवाब
चाहिए, वो क्या सवाल है।
जब कोई काम नहीं कर रहे हो तो घड़ी की तरफ देखो और जब कोई काम कर
रहे हो तो घड़ी की तरफ मत देखो।
मैंने उनसे वक्त नहीं मांगा कभी, उन्होने वक्त दिया भी नहीं, वो
मेरा जवाब देते हैं उतना ही काफ़ी है।
इश्क़ में जो नादानी होती है, वो सबसे हसीन होती
है।
तू जिसके नाम पर अकड़ता है वो आकर मेरे पैर
पकड़ता है।
कट रही है ज़िंदगी रोते हुए, और वो भी तुम्हारे होते
हुए।
माना की औरो के मुकाबले कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने, पर खुश हूँ
की खुद को गिरा कर कुछ उठाया नहीं मैंने।
दिल का दर्द किसे दिखाएं, मरहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते
हैं।
जिसे आज मुझ मे हजार एब नजर आते हे, कभी वही लोग हमारी गलती
पे भी ताली बजाते थे।
सजा देनी हमे भी आती है ओ बेखबर, पर तू तकलीफ से गुज़रे ये
हमे मंजूर नहीं।