मंजिल तो मौत है सफर का मज़ा लो।
मंजिलों से गुमराह भी कर देते है कुछ लोग, हर किसी से रास्ता पुछना अच्छा
नहीं होता।
मुश्किलें जरूर है, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं, मंजिल से जरा कह दो, अभी
पहुँचा नहीं हूँ मैं।
किसी की सलाह से रास्ते जरूर मिलते है, पर मंजिल तो खुद की मेहनत से
ही मिलती हैं।
Manzil Shayari
ऐ मंजिल तुझे हासिल करके रहूंगा, अभी मैं चल रहा हूं पर ठहरा नही
हूं।
संघर्ष मे इंसान अकेला होता है, सफलता मे दुनिया उसके साथ होती
है।
नसीब जिनके ऊंचे और मस्त होते है, इम्तिहान भी उनके जबरजस्त होते
है।
एक सूरज था कि तारो के घराने से उठाए आँख हैरान है क्या शख़्स
ज़माने से उठा।
मंजिल आगे बढ़कर मंजिल तलाश कर मिल जाये तुझको दरिया तो समंदर तलाश
कर।
चलता रहूँगा पथ पर चलने में माहिर बन जाऊंगा.. या तो मंजिल मिल
जायेगी या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा।
अफ़सोस करने से बढ़िया है, कम से कम एक बार कोशिश करना।
माना यु हताश होकर चलना थोड़ा भारी रहेगा सफ़र जरी है तो भाई
संघर्ष भी जारी रहेगा।
न जाने कैसे परखता है मुझे मेरा खुदा इम्तेहान भी लेता है और
मुझे Fail होने भी नहीं देता।
जो खो गया, उसके लिए रोया नहीं करते, जो पा लिया, उसे खोया
नहीं करते, उनके ही सितारे चमकते हैं, जो मजबूरियों का रोना
रोया नहीं करते।